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गजेंद्र कुमावत"मारोठिया"

Abstract Inspirational Others

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गजेंद्र कुमावत"मारोठिया"

Abstract Inspirational Others

माँ

माँ

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प्यारी सूरत है माँ 

त्याग, दया की मूरत है माँ 

चूल्हा-चौका महकार है माँ 

माँ है तो घर संसार है 

माँ के बारे में क्या न लिखूँ 

जो भी लिखूँ 

कम ही लगता है 


माँ आँसू है 

माँ कृतघ्न है 

माँ आशा है 

माँ से ही जीवन है

माँ है तो मैं हुँ 

माँ है तो खुशियाँ है 

माँ की गोद में आशिया है 

माँ के बारे में क्या न लिखूँ 

जो भी लिखूँ 

कम ही लगता है 


माँ मेरी आवाज है 

माँ ही मेरे शब्द 

माँ मेरी सुबह है 

माँ ही मेरा भगवान 

माँ के बारे में क्या न लिखूँ 

जो भी लिखूँ 

कम ही लगता है।


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