भारत के वीर
भारत के वीर


है वहीं भारत का चन्दन
करते है हम सब वन्दन
मातृभूमि का तिलक लगाकर
जन्मदायिनी अर्पित कर देती है नंदन
भारत भू की पुण्य-धरा पर
सरहद की जीवन रक्षा कर
खड़ा रहता वो रात-दिन
कभी भूखा कभी थोड़ा खाकर
सोच रहा घर वो भी होता है
पर्स में रखकर फोटो देख वो भी रोता है
पर याद वो ये हरदम रखता है
तिरंगे से लिपटकर वो
मातृभूमि की रक्षा कर
माँ के दूध की लाज़ रखता है
उस माँ को मैं कोटिशः नमन करता हुँ
उस क्षत्राणी को में कोटिशः नमन करता हुँ
देख तिरंगे में लिपटे भारत के वीर जवान को
वे सिंह दहाड़ से कहती है
भारत माँ का सुत है ये
भारत माँ का सुत है ये
कर्ज चूकाकर आया है
बलिदान हुआ है अमर हुआ है
दुश्मन को धूल चटाकर आया है