मां
मां


मां तू कभी कहती नहीं पर सब जानता हूं
तेरे क्या है ख़ुशी के आंसू और क्या दर्द के
ये मैं पहचानता हूं
हँसते हँसते हर दर्द को सह लेती है तू मां
दिन रात काम करके भी क्यूँ
कभी थकती नहीं है तू मां
मैंने जाने अनजाने में तेरा कभी दिल दुखाया है
तो माफ़ कर देना
तू मुझसे कभी रूठ मत जाना
अब बहुत हुआ कुछ अपने बारे में बता मां
तेरी सपनों के बारे में तेरे बचपन के बारे में
मुझे अब जानना है मां
हमेशा तुने मेरी पसंदीदा खाना बनाया है
आज एक बार मुझे तेरी पसंदीदा खाना बनाना है मां
मां तू कभी कहती नहीं पर सब जानता हूं
तेरी क्या है ख़ुशी के आँसू और
क्या दर्द के ये मैं पहचानता हूं
मां तुझे जलेबी पसंद है ना पर मुझे रसगुल्ले पसंद है
इसलिए तू हमेशा घर
को रसगुल्ले लाया करती है ना
तुझे पसंद ना होते भी मेरा दिल रखने के लिए
तू खा लेती है ना मां
अब बहुत हुआ मेरे पसंद का खाना
एक बार तेरी पसंद का खाना खाते है
रसगुल्ला फ़िर कभी आज मुझे तेरे साथ
जलेबी खाने जाना है मां
तू हमेशा रात को मेरी कमरे में मच्छर दानी रख जाती है
और रात में मेरा नींद कहीं टूट ना जाए इसलिए
तू सारी रात जगा करती है
अब बहुत हुआ अब तू थोड़ा आराम कर
मेरे लिए अब तू रात रात जग मत तुझे अब कसम है मेरी
तू अब चैन की नींद सोया कर
मां तू कभी कहती नहीं पर सब जानता हूं
तेरी क्या है ख़ुशी के आँसू और
क्या दर्द के ये मैं पहचानता हूं
मां वादा है तुझ से अब से तेरी आँख से
एक भी आँसू बहने नहीं दूँगा
जाने या अनजाने में भी तेरा दिल कभी नहीं दुखाऊंगा