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J P Raghuwanshi

Inspirational Others

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J P Raghuwanshi

Inspirational Others

"मां नर्मदा"

"मां नर्मदा"

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मैया मोरी अमरकंटक बारी,

रेवा जग न्यारी।


अमरकंटक से निकली मैया,

चली पश्चिम की ओर।

घाट-घाट स्थान बनायें,

मच रहों कितनों शोर।

मैया अमर-------


मण्डला से अब चल दीं मैया,

पहुंची भेड़ाघाट।

संगमरमरी चट्टान विराजी,

कितने सुन्दर पाट।

मैया--------


मैया जी वरमान पै पहुंची,

भक्तन करी पुकार।

सोकलपुर में फिर मैया की,

हो रही जय-जयकार।

मैया--------


साधु संत सब ध्यान लगावे,

पहुंचे तेरे द्वार।

नर-नारी सब करें परिक्रमा,

होवें बेड़ा पार।

मैया--------



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