माँ की सेवा
माँ की सेवा
अपने गंदे कपड़ों की धुलाई,
जब अपने हाथों ही की जाती है,
अपने ही झूठे बर्तनों की सफ़ाई,
जब अपने हाथ हो जाती है,
माँ की सेवा ऐसे भी हो जाती है।
सुबह उठे सही समय पर,
और तुरंत रजाई तह की जाती है,
अपने कमरे की ही सही,
पर झाड़ू लगाई जाती है,
माँ की सेवा ऐसे भी हो जाती है।
सिर्फ़ दवा हाथ में ले कर दौड़ने से नहीं,
कभी कभी इन छोटी कोशिशों से,
माँ की सेवा ऐसे भी हो जाती है...