माँ की पाती ( चिट्ठी )
माँ की पाती ( चिट्ठी )
अच्छा बेटा या बुरा
निर्णय माँ का होता है
झंझावातों में जो
निडर रहे
जीवन समर में
अविचलित खड़ा रहे
वही विजयी होता है
जीत हार मन की
दो भावनाएं
विजयी पुत्र हो
हर माँ की यही कामना
पुत्र की आँखों में अश्रु
माँ को बेहद दुखी
करते हैं
क्रूर नियति के आगे बेबस .
प्रभु को याद करते है
माँ हमेशा हमारे साथ है
दूर उसे मान ,
ग्लानि से मत भर,
हिम्मती बन .
माँ के विश्वास की
यही जीत है ।