शिक्षक एक दीया है
शिक्षक एक दीया है


शिक्षक वह दीया है, जो खुद जलकर अपने
छात्र के जीवन को प्रकाशित करता है।
शिक्षक वह दीया है, जो बालक के समझ के
अंधियारे को दूर कर उसे प्रकाश पुंज दिखाता है,
अर्थात सही समझ को अपनाना सिखाता है।
शिक्षक वह दीया है, जो बालक की बातों को सुनता है
और उसे मंच दिलाता है और सत्य का प्रकाश समाज में फैलाता है।
शिक्षक वह दीया है, जो बालक के सुप्त मन में चिंतन
और जिज्ञासा का बीज को पनपता है।
शिक्षक वह दीया है, जो बालक की असफलता का तोड़
निकालकर बालक को सफल बनाता है।
शिक्षक वह दीया है, जो माता-पिता के बाद बालक का
सबसे अच्छा शुभचिंतक बन जाता है।
" गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा
गुरुर साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः"
शिक्षक वह है जो गुणों का बखान कर,
उसे सम्मान व आत्मविशस दिलाता है और उसकी
कमियों को सुधारना उसे सिखाता है।
शिक्षक वह है, जो बालक की बातों को सुनता है
और उसे मंच दिलाता है और सत्य का
प्रकाश सारे समाज में फैलाता है।
शिक्षक वह है जो बालक की सही मायने में नई
सोच को दिखा दिखलाता है और आगे लेकर जाता है।
शिक्षक वह है जो बालक को नीति शिक्षा के
द्वारा सम्मान के साथ जीवन जीना सिखाता है।
" गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाव
बलिहारी पर बने गोविंद दियो बताए"
शिक्षक वह है जो बालक के सद्गुणों को जानकर,
उसे जग में हीरे की तरह चमकने की प्रेरणा देता है।
शिक्षक वह है जो एक मनुष्य को सही मायने में मनुष्य बनाता है
उसे सद्गुण, नैतिकता, सृजनात्मकता, रचनात्मकता के गुण सिखाता है।
शिक्षक वह नहीं है, जो बुराई अनाचार दुष्कर्म में लिप्त हो।
शिक्षक वह भी नहीं है जो बालक को अपमानित करें
और उसको हतोत्साहित करें।
" गुरु की महिमा अपरंपार है, ऐसे गुरुओं को बारंबार प्रणाम है"
( गुरु रामकृष्ण परमहंस है शिष्य है स्वामी विवेकानंद,
गुरु प्लूटो है शिष्य है अरस्तु,
गुरु द्रोणाचार्य है शिष्य है अर्जुन,
गुरु चाणक्य है और शिष्य है चंद्रगुप्त मौर्य,
गुरु है दादा भाई नरोजी है शिष्य है महात्मा गांधी)
ऐसे गुरु और शिष्य को नमन बारम्बार है
ऐसे ही गुरु और शिष्यों से उजागर भारत का नाम है।