माँ के नाम गीत
माँ के नाम गीत
नन्हे से हाथ थे छोटी सी उंगलियां
होश जिस दिन से मैंने संभाला है माँ |
ज्यों ह्रदय पालता है किसी स्वप्न को
उस तरह से तूने मुझको पाला है माँ ||
अपने पैरों पे चलना सिखाया तूने |
क्या सही क्या गलत ये बताया तूने |
जग ने तो सिर्फ सिखलाई चालाकियां
मुझको इंसान सच्चा बनाया तूने |
तूने पुचकार कर जो खिलाया कभी
स्वाद सबसे तेरा वो निवाला है माँ ||
तू कौशल्या सी है मैं तेरे राम सा |
तू यशोदा सी पावन मैं घनश्याम सा |
ले प्रतिज्ञा कठिन जो भगीरथ ने की
उस तपस्या सी तू, मैं हूँ परिणाम सा |
दूध का क़र्ज़ कोई चूका न सका
चाहे रघुवर हो या बंसीवाला हो माँ ||
ब्रह्म जैसे सृजन तूने मेरा किआ |
रूप ले विष्णु का तूने पाला मुझे |
जब भटकने लगा मैं गलत राह पर
रूद्र का रूप धर कर संभाला मुझे |
सबका होगा खुदा किन्तु मेरे लिए
तू ही मंदिर अउ तू ही शिवाला है माँ ||