सब पुनः ठीक हो जाएगा
सब पुनः ठीक हो जाएगा
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संकट की घड़ियाँ बीतेंगी,
जो खोया फिर मिल जाएगा।
मत डरो बंधु संयम रखो
सब पुनः ठीक हो जाएगा।
तू मानव है मानव
गंगा तो धरती पर लाने वाला।
पहाड़ काट इन हाथों से
निज मार्ग बनाने वाला।
नाश प्रलय के खेल से फिर तू
ज़िंदा वापस आएगा।
मत डरो बंधु संयम रखो
सब पुनः ठीक हो जाएगा।
हम पुनः काम पर जाएँगे।
फिर बच्चे बाहर आएँगे।
सब गले लग सकेंगे फिर से,
फिर से त्योहार मनाएँगे
है समय अभी मुश्किल माना
ये समय भी जल्दी जाएगा।
मत डरो बंधु संयम रखो
सब पुनः ठीक हो जाएगा।
कुछ लोग निहसंशय खोएँगे।
कुछ नयन बहुत ही रोएँगे।
माना की कठिन तपस्या है,
पर यही ईश की इच्छा है।
जिसको चाहेगा बख्शेगा,
जिसको चाहे ले जाएगा।
मत डरो बंधु संयम रखो
सब पुनः ठीक हो जाएगा।