माही
माही


तेरे करीब होने पर ये एहसास हुआ,
दिल मेरा था ना जाने कब तुम्हारा हुआ,।।
आज़मा ले मेरी मोहब्बत को,
क्या चाहिए सबूत तेरी एहतियात को,।।
तेरा हक है तू मेरी खुशी का हिस्सा बने,
काश तू इस बेगाने दिल की धड़कन बने,।।
खामोशी से सुन मेरी सांसे क्या कहती है,
देख कहीं तेरा नाम तो नहीं लेती है,।।
मेरी रूह को चाहा तूने इसका शुक्रिया,
मेरी ज़िंदगी को ज़िन्दगी बनाने का शुक्रिया,।।
तू है पास तो ज़िन्दगी एक गीत सी लगती है,
तेरे साथ होने पर ज़िंदगी महफूज़ लगती है,।।
पल भर में मैंने अपनी ख्वाहिशों को बिखरते देखा है,
तेरे ज़िक्र भर से मैंने अपने रूप को निखरते देखा है,।।
जग की बाते जग ही जाने,
मेरी प्रीत बस मैं और वो रब जाने,।।
तेरा ऐतबार किया है,
हमने अपनी ज़िन्दगी को तुझ पर वार दिया है,।।
तेरी चाह बहते सागर सी,
मेरी प्रीत गहरी झील सी,।।
इन नजदीकियों में दूरी कभी ना आए,
तेरे धागे मेरी डोर से कुछ ऐसे उलझ जाए,।।
बस एक ही दुआ उस रब से मांगी है,
तू हो जहाँ मेरा मैंने ऐसी एक दुनिया मांगी है,।।