Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

gauri vandana

Romance

3  

gauri vandana

Romance

लॉक डाउन

लॉक डाउन

1 min
187


 

बहुत आ रहा था प्यार मुझे 

आज उस पर फिर से। 

लौटी जो हूं एक लंबे अरसे के बाद 

पास उसके फिर से


पास उसके बैठकर करती रही 

बहुत सी बातें 

सुनने सुनाने में बीतती रही रातें ।

करती रही मैं हर प्रयास तृप्त करने का उसे 

और जी लिया मैंने हर लम्हा खुद से 

जो उसने कहा मैंने सुना ,

जो उसने चाहा मैंने किया।

उसने धुन बजाई मैं गाती रही ,

उसने कलम थमाई, मैं चलाती रही 

गिनती रही उड़ती पतंगों और परिंदों को संग उसके।

फिर अचानक वो करने लगा शिकायत।

कितने प्यारे लम्हे थे वो बिताए हम दोनों ने एक साथ जो

क्या चल दोगी फिर से मुझे छोड़ कर?

क्या खो जाओगी दुनिया में अपनी तुम अगले मोड़?

मैंने पुकारा था कितना 

तुम्हें बार-बार 

पर तुम करती रही अनसुना और इंकार 

मैं तड़पता रहा कितना तुम्हारी अनदेखी से, 

घुटता रहा, मरता रहा, पल पल

पर तुम पसीजी नहीं 

बस रही अटल

तुमने की परवाह सभी की 

पर नहीं ली सुध कभी मेरी।

अचानक थाम लिए उसने हाथ मेरे

और बोला गहरी सांस में

"बनकर सिर्फ मेरी 

बस रहना साथ मेरे"


मैं थी अब जड़,मूक और बिल्कुल मौन 

क्योंकि जानती थी 

सुनेगा कौन ?

खो जाऊंगी मैं, 

उलझ जाऊंगी मैं 

अपने कर्तव्यों के जंगल में, 

फिर कहां सुन पाऊंगी मैं आवाज अपने मन की और न ही कुछ कर पाऊंगी 

अपने ' मन का'

लॉक डाउन खुलने के बाद।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance