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Kumar Kishan

Tragedy

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Kumar Kishan

Tragedy

लॉक डाउन का नौवां दिन

लॉक डाउन का नौवां दिन

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लॉक डाउन का नौवां दिन

सुबह एक भिखारी को देखा

जो दर-दर भटक रहा था

हाथ मे कटोरा लेकर

वह गिड़गिड़ा रहा था

मैंने पूछा"तुम क्या काम नहीं करते हो?

क्यों अपनी दशा बनाए हो?"

सुनकर मेरी बात वह भिखारी बोला

"बाबूजी,मेरे अपनों ने ऐसी

दशा बनाई है,

वरना मैंने भी खूब पैसा कमाया है"

सुनकर उस भिखारी की बात

मेरा मन यह सोचने लगा

हे विधाता,तुमने भी कैसी दुनिया बनाई

फिर उस भिखारी को भीख

देकर मैंने अपना कर्तव्य निभाया।



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