लम्हें जिंदगी में
लम्हें जिंदगी में
दरकते हौसलों ,बिखरते साँसों,
टूटते सपनो,दम तोड़ते उम्मीदों
के बीच लम्हें जिंदगी के
ऐसे आ ही जाते हैं अक्सर
जो जीने की वजह दे जाते हैं।
हर तरफ मायूसी का घना गह्वर
ढूँढता है न कोई डगर,
उलझनों का उलझा सिरा,
कैसे सुलझाऊँ जो गाँठ
है मन पर है मेरे पड़ा
तभी उन अँधेरों में
जुगनू आ ही जाते हैं।
वो लम्हें जिंदगी के
रोशन कर जाते हैं।
चारों तरफ नितांत अकेलापन,
अपनों के बीच भी उलझता मन,
सुकून दिल की चुरा जाते हैं।
पर उस वक्त कोई दो शब्द
प्यार के बोल के कानों में
लम्हें जिंदगी की रोशन कर
जाते हैं।
प्यार जिंदगी से करा जाते हैं।
एक आस मन में जगा जाते हैं।
