लम्हे
लम्हे
तुम्हारे साथ ये हँसी के लम्हे,
मेरे जीवन में रंग भर देते हैं।
तुम्हारा आना और करीब मेरे,
दिल की धड़कन बढ़ा देते हैं।
तुमसे निकलती ये गरम सांसें,
मुझे और बेचैन कर जाती हैं।
जब लड़ती हैं आँखों से आँखें,
मुझे मदहोश ही कर जाती हैं।
डूब जाता हूं तुम्हारी आंखों में,
निकलने की कहां मुझे चाह है।
रहने दो मुझे अपनी आंखों में,
जिसके अतल की नहीं थाह है।
हर लम्हा जो बीता साथ तुम्हारे,
मुझे चैन नहीं कभी लेने देता है।
जब देखता हूं मैं लबों को तुम्हारे,
मुझे होश में भी कहां रहने देता है,
आज भी वो बातें याद आतीं हैं,
जब होती हो आंखों के सामने।
तुम्हारी मुस्कुराती अदा भाती है,
जब डुबा देती हो अपने जाम में।
तुम्हारे साथ ये हँसी के लम्हे,
मेरे जीवन में रंग भर देते हैं।
तुम्हारा आना और करीब मेरे,
दिल की धड़कन बढ़ा देते हैं।