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Zuhair abbas

Romance

4  

Zuhair abbas

Romance

लिखे जो ख़त ।।।

लिखे जो ख़त ।।।

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कुछ लम्हे थे संजोए हुए

कुछ एहसास थे छुपाए हुए।


बातें जो उनसे कह ना सके

मुहब्बत जो उनसे जता ना सके ।


लिफाफे में उम्मीद को सन्देश बनाकर

लिखे तो कई ख़त मगर उन तक कभी पहुंचा ना सके।



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