लहरें
लहरें


कल -कल, कल- कल करती लहरें
मेरे मन को भिगोती लहरें
कभी खामोश कभी आवेग से भरी
मुझसे कुछ -कुछ कहती लहरें
नीली-नीली, सुनहरी-सुनहरी
मन को उन्माद से भर्ती लहरें
निश्चल श्वेत स्वच्छ सी लहरें
कभी नभ को छूने का प्रयास करती
कभी साहिल को खुद में भर्ती
मदमस्त चंचल आमोद से भरी
जीवन को स्फूर्ति देती है लहरें
संघर्ष इनका भी नहीं कम है
फिर भी प्रफुल्लित रहती यह लहरें
पैरों को मेरे छूकर आहिस्ता से
मुझ में ऊर्जा भर्ती है लहरें
कल -कल, कल- कल करती लहरें।