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Prayanshu Vishnoi

Drama Fantasy Comedy

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Prayanshu Vishnoi

Drama Fantasy Comedy

लफ़्ज़ों से न समझेगा मेरी बात कोई

लफ़्ज़ों से न समझेगा मेरी बात कोई

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लफ़्ज़ों से न समझेगा मेरी बात कोई

समझे तो आवाज़ से समझे जज़्बात कोई।

 

न रहा जाएगा मुझे इस जहाँ में अब

खुदा है तो दिखा नयी कायनात कोई।

 

अब तक आरजू में बसा लम्हा न आया

कोई रास्ता दिखाये दिलाये निज़ात कोई।

 

अजनबी शहर की सड़कें अनोखी दास्ताँ

आकर बताये मुझे मेरे हालात कोई।

 

शिकस्त ए हयात मिली सो क़ैद हूँ मैं

अब ज़िन्दगी को आकर दे मात कोई।

 

खुली आँख तो ख्वाब पूरा होते रह गया

मिलने वाला था मुझसे कल रात कोई।


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