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लड़के

लड़के

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थक जाते हैं लड़के,

आईआईटी की तैयारी करते,

किसी अंजान कॉलेज में,

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते,

'कब होगी नौकरी' का जवाब देते,

थक जाते हैं लड़के।


ऑफिस में पंद्रह घंटे काम करते,

छुट्टी माँगते, बॉस से डाँट सुनते,

बस में अनजाने ही किसी,

लड़की से छू जाने से डरते,

घंटों जाम में फँस कर घर पहुँचते,

थक जाते हैं लड़के।


गर्लफ्रेंड या बीवी या,

माँ-बाप से परेशानी छुपाते,

रात के अँधेरे में,

दीवारों से बातें करते

थक जाते हैं लड़के।


वीकेंड में दोस्तों संग शराब पीते,

सॅलरी-सेविंग-इनवेस्टमेंट,

की बात करते,

अपनी पहली प्रेमिका,

को याद करते,

ठहाके लगते, आँसू बहाते,

किसी दोस्त को चुप कराते,

थक जाते हैं लड़के।


अपनों की खुशियों में,

अपनी खुशी ढूँढते,

ज़िम्मेदारियाँ निभाते,

ईएमआई चुकाते,

उम्र से पहले ही बूढ़े हो जाते,

अपने पिता की,

छवि को आँखों में भर के,

एक दिन, चुपचाप,

मर जाते हैं लड़के।


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