लौट आऊंगी मैं !
लौट आऊंगी मैं !
आज रुकने की जिद्द न करो
लौट आऊंगी मैं।
उस दिन जब तुम देखोगे
मेरे भीतर की सुंदरता, मेनका नहीं
मैं एक साधारण सी नारी हूं
पर मन में प्रेम का अथाह सागर है,
लौट आऊंगी मैं।
जब तुम पूर्ण विश्वास करोगे मुझ पर
सीता नहीं मैं, जो अग्नि परीक्षा दूंगी
एक समर्पित पत्नी हूं मैं
और पूरा फर्ज निभाऊंगी,
लौट आऊंगी मैं जब तुम
समझोगे मेरे मन को।
ख्वाब नहीं हकीकत हूं मैं
तुम्हारे जीवन से बंधा एक अहसास हूं मैं,
वादा नहीं जो टूट जाऊंगी मैं
हूं संगिनी तुम्हारी
हरदम साथ निभाऊंगी मैं।
आज रूकने की जिद्द न करो
लौट आऊंगी मैं !