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Dr J P Baghel

Drama

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Dr J P Baghel

Drama

लाल बत्ती जल रही है

लाल बत्ती जल रही है

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लाल बत्ती का यही संकेत है आगे न जाएं 

द्वार पर जलती तभी जब गुप्त होती मंत्रणाएं।


लाल बत्ती जल रही है इधर, वे कहते हरी है 

चल पड़ी उनके कहे पर भीड़ कैसी बावरी है।


लाल को कहकर हरा जो शान से सीना दिखाए 

गजब है उसके कथन पर भीड़ को शंका न आए।


 दे रहे चेतावनी जो भीड़ को आगे न जाए

समय कैसा आ गया है जा रहे वे ही सताए।


लाल बत्ती जल रही है सामने संकट खड़ा है 

किधर जाएं क्या करें इस बार असमंजस बड़ा है।


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