लाहौर और उसकी माता
लाहौर और उसकी माता
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अजी, दे दो रिहाई !
कश्मीर का काश हटा देंगे
तिरंगे के नीचे दुश्मनों की क़ब्र सजा देंगे
लाहौर को उसकी माता से मिला देंगे
बुजदिलों और दिलवालों का सामना कर देंगे
छुप कर बैठे चूहों को शेर का दीदार करा देंगे
पल भर में जन्नत का स्वप्न भुला देंगे
आँख दिखाने वाले को अँधा बना देंगे
उस मिटे सिन्दूर और राखी की चमक फिर लौटा देंगे
बस
तुम दे दो रिहाई !