लाॅकेट
लाॅकेट
लाॅकेट एक सब के लिए, अलग-अलग नाम हैं ।
कोई को ताबीज तो किसी को मंगलसूत्र आम है
कोई के प्रभुमूरत, तो किसी के सजन का नाम है ।
कोई जादू-टोने से बचता, तो कोई प्यार का पैगाम है
कोई मां की ममता ,तो कोई अपने कुल की पहिचान है।
कोई सम्मोहन में बांधती,तो कोई टोना से बचाने की शान है
बचपन में मेले में खोता, तो जवानी में मिलाती लाकेट।
जुड़वां बच्चों में भेद कर,पिटने से बचाती यही लाकेट
लाॅकेट एक पर हजार, इसके अपने ही काम है ।
कोई की अनमोल रत्नों की, तो कोई के 2पैसे दाम हैं
लाॅकेट नहीं ये किसी का दिल, किसी का अरमान है ।
किसी का खोया विश्वास, तो कोई के स्नेह अभिमान है ।