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Sangeeta- A-Sheroes

Abstract

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Sangeeta- A-Sheroes

Abstract

" लाॅकडाउन "

" लाॅकडाउन "

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सहमा सहमा डरा डरा सांस ले रहा है हर शहर

लगता है बेनाम राहों से गुजर रहा बनके कोई कहर,


बंद हो गयी जिन्दगी जंजीरों से कसी तालों में

सन्नाटा है पसरा, बस कुछ निरीह जानें ठहर गयी राहों में,


उन टूटे छप्पर पर नहीं कोई दरवाज़े

लगा पेट में ताला, पड़े अलग-थलग से सारे, 


गुजर जाएगी यह कातिल हवा, ताले भी खुल जाएंगे

जंजीरें टूट जाएं चाहे सारी

पर अब हद में जिन्दगी जीना हम सीख जाएंगे। 


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