क्यों
क्यों
ये चाँद क्यों रोशन करता है चाँदनी को
क्यों उसका घर रोशन करता है ये
कश्ती को क्यों तलाश है साहिल की
क्यों उसे सहारा देकर किनारा देता है ये।
समुंदर इतना गहरा क्यों है
क्यों खुद में समा लेता है नदी को
फूल में खुशबू क्यों होती है
क्यों फूल अपनी खुशबू से
महकाता है कली को।
क्यों जलता है सूरज किरण के लिए
क्यों अपनी रोशनी देता है उसे
उजाला क्यों रात में समा जाता है
सुबह अंधेरा कहा समा जाता फिर उजाले में।
मिलन के बाद बिछड़ना क्यों होता है
इश्क में दिल क्यों खोया खोया रहता है
समुंदर की लहरे क्यों आती है किनारे की ओर
साथ चलते हुए क्यों, नहीं मिलते नदी के छोर।
सागर से क्यों लहर उठती है
क्यों आसमान से बारिश बरसती है
क्यों पपीहा सावन में भी पानी को ढूंढता है
क्यों ये दिल पिया मिलन को तरसता है।