क्यों ये दिल
क्यों ये दिल
क्यों ये दिल हमेशा
किसी ऐसे की राह देखता है
जो कभी आता ही नहीं
किसी ऐसे को तलाशता है
जो कभी उसे तलाशता ही नहीं
हर पल किसी ऐसे को सोचता है
जो कभी उसे सोचता ही नहीं
क्यों ये एक ऐसे इंतज़ार में है
जिसका कोई अंत ही नहीं
क्यों ये दिल में उसे इतना गहरा उतारे है
जहाँ से निकालना संभव ही नहीं
शायद अब वे
बन गया है
दिल का एक अंग
बनकर एक दर्द
जिसके बिना हमारा
अस्तित्व ही नहीं।