तब तकरीबन सब कुछ घर में व्यवस्थित ही मिलता है तब तकरीबन सब कुछ घर में व्यवस्थित ही मिलता है
मगर वो मेरी मां है जो बिना मेरे बोले ही हर तड़फ मेरी समझा करती है मगर वो मेरी मां है जो बिना मेरे बोले ही हर तड़फ मेरी समझा करती है
कोई अपना समझके जो याद करे मुझे, उसे मैं हर जगह तलाशता हूँ। कोई अपना समझके जो याद करे मुझे, उसे मैं हर जगह तलाशता हूँ।
कभी मिल जाता है कभी बेचैन कर देता है कभी मिल जाता है कभी बेचैन कर देता है
सब कहते है नियति का खेल है मैं कहता हूँ मेरी जान पे बन आई है सब कहते है नियति का खेल है मैं कहता हूँ मेरी जान पे बन आई है