सकूँ की तलाश !
सकूँ की तलाश !
1 min
223
दिन भर की भाग दौड़
के बाद जब घर लौटता हूँ
तब तकरीबन सब कुछ घर
में व्यवस्थित ही मिलता है !
हाँ रात ठंडी ठंडी होती है पर
बिस्तर मेरा नर्म नर्म होता है
फिर भी रात मेरी पूरी की पूरी
जैसे करवटों में ही गुजरती है !
जाने क्यों नींद आती ही नहीं
शायद सकूँ को मैं खुद ही कहीं
और छोड़ कर के आता हूँ फिर
यहाँ आकर नींद को तलाशता हूँ !