Sandiponi Tasha
Romance
नींद नहीं आती है
रात को
जागता रहता हूँ
दिन भर।
काम में भी अब
मन नहीं लगता
शायरी करता हूं
हर वक़्त।
खयाल सिर्फ आए
तुम्हारा
बिन तुम्हारे अब
कोई ना आ रहा।
सोचता हूं कभी
अकेले में
यह असल में क्या है
क्या यही प्यार है ?
क्या यही प्या...
नदी
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बस इक नाम जो है मेरा, बाकी सब कुछ तो तुम्हारा ही है। बस इक नाम जो है मेरा, बाकी सब कुछ तो तुम्हारा ही है।
हो नग्मा, नज़्म हो या हो किसी शायर की तुम ग़ज़ल। हो नग्मा, नज़्म हो या हो किसी शायर की तुम ग़ज़ल।
धड़कन में नहीं तुम ही धड़कन हो मेरी तो पहचान ही तुम हो धड़कन में नहीं तुम ही धड़कन हो मेरी तो पहचान ही तुम हो
तुम्हारे इकरार की खुशियां जहां में बाटूंगा। तुम्हारे इकरार की खुशियां जहां में बाटूंगा।
आईना तोड़ कर सीखी हूं टूटना इसलिए, हर टुकड़े में तुम्हें देखने में आसानी हुई। आईना तोड़ कर सीखी हूं टूटना इसलिए, हर टुकड़े में तुम्हें देखने में आसानी हुई।
आज तो छमाछम बारिश ने समां बांध दिया लॉकडाउन ने इस आनंद को दुगना बढ़ा दिया। आज तो छमाछम बारिश ने समां बांध दिया लॉकडाउन ने इस आनंद को दुगना बढ़ा दिया।
रिश्ता तुम्हीं से है यह जीवन की डोर तुम संग ही बंधी है। रिश्ता तुम्हीं से है यह जीवन की डोर तुम संग ही बंधी है।
अब तू भँवरा कहे या चोर कहे, हमने लूटा जहाँ से बस झूठा ! अब तू भँवरा कहे या चोर कहे, हमने लूटा जहाँ से बस झूठा !
खुश रहने की खूब चाहत थी, खुश थे भी जब तुझसे मुहब्बत थी. खुश रहने की खूब चाहत थी, खुश थे भी जब तुझसे मुहब्बत थी.
पूछ रहा है हर लम्हा सबब जुदाई का । ना हो रूसवा प्यार हमारा चुप रहता हूँ ।। पूछ रहा है हर लम्हा सबब जुदाई का । ना हो रूसवा प्यार हमारा चुप रहता हूँ ।।
चांद जब मुस्कुराता था और तारे टिमटिमाते थे चांद जब मुस्कुराता था और तारे टिमटिमाते थे
जब हम करेंगे बतियां छेड़ेगी फिर सखियाँ। जब हम करेंगे बतियां छेड़ेगी फिर सखियाँ।
वो अक्स है मेरा , उसे मेरे साथ रह जाने दो। वो अक्स है मेरा , उसे मेरे साथ रह जाने दो।
ना तुझे पाने की चाहत, ना तुझे खोने का डर, ख्वाहिश है बस तेरे साथ की हर पल। ना तुझे पाने की चाहत, ना तुझे खोने का डर, ख्वाहिश है बस तेरे साथ की हर पल।
लपक कर गले लगाया मैंने निश्छल मुस्कान आई घरद्वार। लपक कर गले लगाया मैंने निश्छल मुस्कान आई घरद्वार।
शाम आई है तपती हुई जल रहा है देखो मेरा बदन. शाम आई है तपती हुई जल रहा है देखो मेरा बदन.
इस सुलगती आग का गिन-गिन के बदला लूँगी, क्यूँ आये तुम इतने कम समय के लिए ? इस सुलगती आग का गिन-गिन के बदला लूँगी, क्यूँ आये तुम इतने कम समय के लिए ?
मैं कहता हूँ शुभ रात्रि , जबाब दो न. मैं कहता हूँ शुभ रात्रि , जबाब दो न.
आ जाओ तुम इस प्रेम गली विरह में तड़पता निर्मल मन। आ जाओ तुम इस प्रेम गली विरह में तड़पता निर्मल मन।
सागर नदियों में जलस्तर बढ़ाती है। वर्षा जब आती है ढ़ेरों खुशियां लाती है। सागर नदियों में जलस्तर बढ़ाती है। वर्षा जब आती है ढ़ेरों खुशियां लाती है।