क्या मैं नखरे करती हूँ
क्या मैं नखरे करती हूँ
सब कहते हैं...
मैं बड़े नखरे करती हूं घूमने जाने में !
और कपड़े सेलेक्ट करने में...!
मेकअप करके तैयार होने में....!
पर मैं क्या करूं...?
ज़ब कोई मेरी मदद ही नहीं करता...
कि मैं क्या पहनूँ...? यह बताने में...
मैं कितनी सुन्दर हूँ, यह जताने में...
तभी तो मुझे देर हो जाती है,
कहीं भी आने-जाने के लिए तैयार होने में !
और बुरा लगता है सबको इंतजार कराने में !
अब आप ही बताओ, क्या मैं नखरे करती हूँ ?
नारी रूप में जन्म लिया तो श्रृंगार करती हूँ !
और रूप निखारकर सज धजकर निकलती हूँ !