क्या हुआ
क्या हुआ
क्या हुआ, जो तू ना हुआ सफल, हर पल प्रयास कर नए प्रयोग,
कुछ ना कुछ तो आएगा, रफ़्तार तेरी जो बढ़ायेगा,
अपनी कमियों को तलाश ले, इम्तहां के लिए तराश ले,
निराश ना हो जो मन का ना हो, क्या पता वही तेरी राह बने,
जाने कितने विफल हुए, फिर हासिल किए बड़े मुकाम,
अनवरत विफल प्रयोगो से, कितने वैज्ञानिक बने महान,
चकाचौंध इस दुनियां में, मत भागो बन कर के अंधे ,
सफलताओं की मंज़िल पर, तेरा नाम लिखा है ऐ बन्दे,
अटूट भरोसा रख दिल में, मेहनत से मिलेगा उसका पता,
योद्धा असल वो कहलाता , संघर्ष जो हर पल है जीता,
बिना युद्ध हथियार जो डाले, जीते जी मर जाता है,
कायरों की श्रेणी में वो, अपने नाम को पता है,
लक्ष्य हासिल करने के लिए, ज़ोर लगा एड़ी चोटी,
गल्ती को तुम जगह ना दो, कितनी भी चाहे हो छोटी,
यूँ ही नही हिमालय पर, कोई विजय पताका फहराता,
हौसला सख़्त चट्टानों सा, ले कर ही आगे बढ़ पाता,
हर पल तुम तैयार रहो, जीवन में अच्छा करने को,
खुदा ने तुझको भेजा है,कुछ काम अनोखा करने को,
सब में कुछ न कुछ है छुपा, अपनी खूबी को पहचानों,
ज्ञान विज्ञान विचार विमर्श, से दूर ना हो नर संतानों
वख्त तेरा भी आएगा,जब तू भी सफल कहलायेगा ,
पिघला दे मेहनत का लोहा, वो सोना बन पायेगा,
तन्हाई को ना आने दो,सब के संग तुम चले चलो,
पर डर के अपनी विफलता से, कभी मौत से ना तुम गले मिलो।