दो कदम #togetherwerise
दो कदम #togetherwerise
दो कदम तुम चलो,चार हम भी चले
तुमसे कन्धा मिलाने आया हूँ मैं।
तेरी खुशियों से मुझको मतलब नहीं,
बांटने तेरे ग़म को आया हूँ मैं।
मुश्किलें है तेरी,लड़ना तुझको ही हैं,
हौसला बस तेरा बढ़ाने आया हूँ मैं।
इस जहाँ में ना रो, तन्हा ही तू,
अश्क को पोछने तेरे,आया हूँ मैं।
वक्त हो अच्छा तो, साथ देते है सब,
गर्दीशी को निभाने तेरे, आया हूँ मैं।
वो इन्सां ही क्या, जिए खुद के लिये,
जीने दूजो के खातिर, आया हूँ मैं।