STORYMIRROR

Shyam Kunvar Bharti

Romance

4  

Shyam Kunvar Bharti

Romance

क्या चाहते हो

क्या चाहते हो

1 min
223

दूर जो जाऊँ पास बुलाते हो

पास जो आऊँ नजरे चुराते हो

सच बताओ तुम क्या चाहते हो?


मालूम है तुमको तुमसे प्यार है कितना

सागर की गहराइयों से गहरा है उतना

उतर आंखो दिल चले जाते हो

सच बताओ तुम क्या चाहते हो ?


मुझे देख तेरा यूं मुसकुराना है गजब 

पास आकर तेरा यूं गुंगुनाना है अजब

नजरे मिला फिर नजरे चुराते हो

सच बताओ तुम क्या चाहते हो ?


बुलाऊँ तुम्हें तुम पास आते नहीं हो

पास आकर तुम कुछ सुनाते नहीं हो

मुझे देखकर क्यो तुम शर्माते हो

सच बताओ तुम क्या चाहते हो ?


बीते नहीं दो दिन मिलने तड़प जाना

आए नही मिलने मुझपर भड़क जाना

मिलने जो आऊँ छुप क्यूँ जाते हो

सच बताओ तुम क्या चाहते हो?


कभी हंसना रोना क्या हाल बना रखा है

क्या बताऊँ तूने जीना मुहाल कर रखा है

ख्वाबो मे मुझसे झगड़ जाते हो

सच बताओ तुम क्या चाहते हो ?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance