कवि का जन्म
कवि का जन्म
ईश्वर जब कमजोर पड़ा है,कवियों को जन्माया है।
ईश्वर का मैं भी शुक्रिया अदा करूं,यह जन्म मैंने भी पाया है।
मेरे तन मन में बसी है कविता कहानी,
अगर मंजिल मिले तो हो जाए यह सफर सुहानी।
ईश्वर के बाद एक सुंदर रूप कवि ही दर्शाता है,
कभी मन के भावों से निर्जीव में भी प्राण लाता है।
लिखकर कुछ अल्फाजों को मन के भाव प्रकट करता,
अपने मन के भावों को वह कागज पर है उकेरता।
कागज कलम है सच्चा साथी एक लेखक का वरदान मिला,
यही छोटे से लेखक ने एक दिन इतिहास रचा।
लेखनी के दम पर दुनिया में नाम कमाया है,
वही लेखक और कवि सब के दिल में समाया है।
