कुरीतियों को मिटाना है
कुरीतियों को मिटाना है


हमें अपनी परम्पराओं को निभाना है
पर हमें कुरीतियों को भी मिटाना है
हमें हर वो दीवार तोड़कर गिराना है
जिसमें अंधविश्वास का लगा दाना है
हमें अंधे तूफ़ां में हँसकर दिखाना है
अपने भीतर के दीये को जलाना है
कुरीतियों के अंधेरे को मिटाना है
खुद को फौलाद बनकर दिखाना है
हमें अपनी परम्पराओं को निभाना है
पर हमें कुरीतियों को भी मिटाना है
भारत को लें जाना गर शिखर तक,
भारत को अंधविश्वास कर जाना है
हमें भूर्णहत्या को बंद करवाना है
दहेजवालों को सबक सिखाना है
जो कोई भी करे नारी का अपमान
उसे सरेआम सूली पे लटकाना है
हमें अपनी परम्पराओं को निभाना है
पर हमें कुरीतियों को भी मिटाना है
जहां लगा हो अंधविश्वास का कीड़ा,
उसे सत्य से सेनिटाइजर कर जाना है
बालविवाह हो या कोई मृत्युभोज हो,
ऐसे रीति-रिवाजों पे प्रतिबंध लगाना है
भारत को फ़लक का सितारा बनाना है
हिंदुस्तान से कुरीतियों को मिटाना है