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सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Tragedy

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सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Tragedy

कुण्डलिया

कुण्डलिया

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शिक्षा का अब हो रहा, देखो भई प्रसार

संस्थाओं की वृद्धि कर, यह कहती सरकार 


यह कहती सरकार, फीस जो भारी देगा

उसका बालक ज्ञान, कमाई कर पाएगा


तकनीकी का कोर्स, डॉक्टरी भी कब भिक्षा

जिसके धन है पास, मिलेगी उसको शिक्षा।


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