STORYMIRROR

सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Tragedy

3  

सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Tragedy

कुण्डलिया

कुण्डलिया

1 min
245

शिक्षा का अब हो रहा, देखो भई प्रसार

संस्थाओं की वृद्धि कर, यह कहती सरकार 


यह कहती सरकार, फीस जो भारी देगा

उसका बालक ज्ञान, कमाई कर पाएगा


तकनीकी का कोर्स, डॉक्टरी भी कब भिक्षा

जिसके धन है पास, मिलेगी उसको शिक्षा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy