कुहासा छंटे
कुहासा छंटे
अंधविश्वास की लताएं
अब भी जग में मौजूद
इनकी जद में उलझकर
मनुष्य खो रहे हैं वजूद
गांव गिरांव ही नहीं शहरी
लोग भी हैं इसके शिकार
रोंगटे खड़े कर देने वाले
वाकये सुनाई पड़े बारंबार
लोभ और स्वार्थ का दायरा
तेजी से लेता रहा विस्तार
लोमहर्षक घटनाओं का प्राय:
खुलासा कर रहे हैं अखबार
ईश्वर से यही प्रार्थना कि सब
को देवें सही बुद्धि औ विवेक
अंधविश्वास का कुहासा छंटे
समाज से हर मनुष्य हो सचेत।