कुछ सीखना
कुछ सीखना
सीखने के लिए बहुत कुछ है ज़िन्दगी में,
जैसे सुबह हमें सीखती है,
परेशानी रूपी अंधेरे के बाद
रोशनी की किरण भी आती है !
जैसे दोपहर हमें सीखाती है,
कि धूप रूपी परेशानियों में,
तपकर ही शीतल शाम
हमें मिल पाती है !
शाम हमें सीखाती है,
चाहे कितने अमीर हो या गरीब,
शाम को बाहर से घर आकर ही
खुशी और शांति मिल पाती है !
रात हमें सीखाती है अंधेरे में भी
शांति की किरण होती है,
जैसे परेशानियों के बाद
उम्मीद की एक किरण होती है !
फूल हमें मुस्कुराना सिखाते हैं,
फिक्र नहीं है उन्हें टूटने की,
बस वो खिलखिलाते हैं !
जानवर हमें सिखाते हैं कि
कुछ ना बोलकर भी वो अपने
वजूद को कायम रख सकते हैं !
गर्मी हमें मुश्किलों से लड़ना सीखाती है,
तकलीफों से वो, निपटना सीखाती है।
सर्दी हमें गर्मी रूपी परेशानियों से लडने के
बाद खुशियों भरा सुकून दे जाती है !
बारिश हमें सीखाती है कितनी भी
तकलीफों से लड़ने के बाद,
जो जीत हमें मिलती है वो
कितनी खुशियों भरी होती है !
सीखने को तो किसी से कुछ भी
सीखा जा सकता है,
यह हमारे ऊपर है कि हम क्या
अच्छा क्या बुरा सीखना चाहते हैं !