STORYMIRROR

pawan punyanand

Romance

3  

pawan punyanand

Romance

कुछ इस तरह साथ निभाना

कुछ इस तरह साथ निभाना

1 min
318

मैं शब्द बनूँ

तुम अर्थ बन जाना

मैं गीत बनूँ

तुम लय बन जाना

मैं संगीत बनूँ

तुम धुन बन जाना

मैं फूल बनूँ

तुम सुगन्ध बन जाना

मैं जाड़े की सुबह बनूँ

तुम धूप बन जाना

मैं जब बनूँ बादल

तुम बर्षा बन जाना

मैं बनूँ रात गर्मी की

तुम ठंडी पवन बन जाना

मैं बनूँ जीवन

तुम उत्सव बन जाना

मैं बनूँ राह अगर

तुम मंजिल बन जाना

मैं नींद बनूँ

तुम सपना बन जाना

मैं रात बनूँ

तू बन चाँदनी

रौशनी बिखरना

मैं बनूँ

नदी

तुम लहर बन जाना

मैं बनूँ देह अगर

तुम धड़कन बन जाना

जीवन की हर राह

पर कुछ इस तरह ही साथ निभाना।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance