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Karishma Warsi

Inspirational Others

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Karishma Warsi

Inspirational Others

कुछ ऐसे विरले

कुछ ऐसे विरले

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देश को दांव पर लगा

धर्म की रक्षा करने निकले हैं

कुछ ऐसे विरले 

भारत माँ की कोख़ से अब निकले हैं।


निशाचर, निराक्षर सारे संसद में बैठे

साक्षर उनकी जी हुजूरी में निकले हैं

सर पर टोपी कुर्ता ख़ादी हाथ में लिए तिरंगा

झूठे वादों का पहनें चोला सतरंगा निकले हैं।


अर्थव्यवस्था को दांव पर लगा

निजीकरण से गरीबों की रक्षा में निकले हैं

कुछ ऐसे विरले

भारत माँ की कोख से अब निकले हैं।


अब तो युवाओं पर दया आती है

कैसे झूठे समर्थन के पीछे जाती है

गर नेताओं से लेना चाहे कोई पंगा

धर्म के नाम पर करवा दें ये दंगा।


संविधान को दांव पर लगा

राजनीति का गोरख धंधा करने निकले हैं

कुछ ऐसे विरले

भारत माँ की कोख़ से अब निकले हैं।


स्वयं भेद-भाव उत्पन्न कर

ईश्वर तक का जातिकरण कर जाते

धिक्कार है, ऐसे जन पर 

केसरिया, हरा हाथों में लेकर

श्वेत-भाव फ़ैलाने निकले हैं।


मानवता को दांव पर लगा

तिरंगे की रक्षा में निकले हैं

कुछ ऐसे विरले 

भारत माँ की कोख़ से अब निकले हैं।। 



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