कसूर इन नज़रों का।
कसूर इन नज़रों का।
कसूर इन नज़रों का इतना ही है,
ये विवाहिता से प्यार कर बैठे है।
पता ही ना चला प्यार कब हुआ,
नहीं पता था वो विवाहिता होगी।
कसूर इन नज़रों का इतना ही है,
ये विवाहिता से प्यार कर बैठे है।
प्यार पहली बार देखते हमें हुआ,
नहीं पता था वो विवाहिता होगी।
