कृपा निधान
कृपा निधान
जैसा रूप तैसा नाम, मानों अवतरित कृष्ण भगवान
प्रेम की लीला उन्होंने दिखलाई ,तुम्हारी लीला बड़ी महान
परम भागवत के आप दुलारे ,कर रहे उनका पूरा काम
सौंप दिया सब कुछ उनको ,जो लेते हैं "गुरु" का नाम
निष्काम भक्ति और सेवा का , दिया सबको अनोखा ज्ञान
दीन, दुखी हो या धनवान ,सब को देखते एक समान
वसीयत दी थी जो "दादा गुरु" ने, उसका किया पूरा सम्मान
"रामाश्रम सत्संग "ही एक ऐसा, जो विश्व में है सबसे महान
आपकी नजरों से वो प्रेम बरसता, हो जाते सब अंतर्ध्यान
गुरुदेव "नीरज "की एक विनती है, कृपा कर दो कृपा निधान।