करो भ्रूण हत्या ना कोई
करो भ्रूण हत्या ना कोई
बेटा बेटी है एक समान ,
मात पिता का बढाते मान।
भेद करो मत इनमे कोई ,
बनो न पत्थर दिल इन्सान ।।
पुत्रों की चाहत मे अन्धे ,
बनकर पाप न करिए ।
पुत्री कुल रोशन दो करती ,
क्रूर काल से कुछ डरिए।।
लिंग परीक्षण भ्रूण की हत्या ,
करके नर पिशाच बन जाते ।
नारी के बनकर हित चिंतक,
सदा से नारी को ही सताते ।।
पुत्रों से भी अधिक आज ,
पुत्री अपनत्व निभाती है ।
मोह निशा तज पुत्री भी ,
तो तुमसे जीवन पाती है ।।
पुत्री का हित चिंतन रक्षण,
होता है कर्तव्य पिता का ।
करता जो निर्वाह सतत ,
वह प्रमुदित जीवन पाता।।
