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Praveen Gola

Inspirational

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Praveen Gola

Inspirational

कर्मों की अच्छाई

कर्मों की अच्छाई

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अजीब सा रुदन था चारों ओर ,

मैं भी उस रुदन में बह गई ,

इस शरीर और आत्मा के उलझन में ,

अश्रुओं की धारा दिल में सह गई |


बड़ा दर्द होता है जब कोई अपना ,

ये दुनिया छोड़ चला जाता है ,

हजारों अपनों को बेगाना करके ,

मनुष जीवन से मुक्ति पाता है |


पीछे उसके परिवार वाले ,

फिर चाहे कितनी आवाज लगा लें ,

मगर जानेवाला तब तक ,

चला जाता हर बंधन को त्यागे |


यूँ तो सभी को चले जाना है ,

एक-एक करके इस दुनिया से ,

मगर जो जाता पूरे फर्ज निभाकर ,

उसके लिये दुआएं निकलती दिलों से |


ये मौत जिन्दगी का खेल भी ,

बड़ा ही रंगीन होता है यारों ,

जहाँ मौत रुलाती जी भर-भर के ,

वहीं जिन्दगी हँसाती देखो प्यारों |


मैं ज्यादा अश्रु ना बहा सकी ,

अपनी भगिनी समान भाभी पर ,

मगर दिल से श्रद्धांजलि देती रही ,

उनके कर्मों की अच्छाई पर |


इसलिये हमेशा याद रखना ,

कि कर्मों से ही इंसान की पहचान है ,

वरना तो इस संसार जगत में ,

हम तुम जैसे ना जाने कितने इंसान हैं ||


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