कर्म ही पूजा है
कर्म ही पूजा है
ना राम से चलता जीवन
ना चलता ये अल्लाह से
जीवन चलता कर्म से यारों
चाहे पूछ लो जाके की यीशु से ।।
ना करने से मिले ना कुछ भी
चाहे लगा लो सबको सीने से
कुछ करने की यदि चाह है तुमको
तो मुलाक़ात होगी मंजिल से ।।
श्रद्धा भाव यदि रखो पर
मुंह ना मोड़ो कर्मों से
चलने का नाम है जिन्दगी
ना जी चुराओ कर्तव्यों से ।।
अपने तुम्हारे साथ निभाते
कर्तव्य निभते नियमों से
हर जन तेरे साथ खड़ा है
यदि कर्म करो साफ नियत से ।।
मौन धारण कर मुस्कान सजाओ
लड़ाई करो ना किसी जन से
हँस खेल कर जीवन जी लो
उम्मीद ना रखना किसी जन से ।।
