Mani Loke

Tragedy Classics Inspirational

4  

Mani Loke

Tragedy Classics Inspirational

कोरोना

कोरोना

1 min
348


कोरोना कोरोना कोरोना

इससे बचने के लिए तुम कुछ करो ना।

सीख माँ की आज काम आई,

बाहर से आकर था जब उसने हाथ पैर थी धुलाई।


कहती थी माँ कीटाणू होते हैं,

जब भी बाहर से आओ तो हाथ पैर और मुँह धोते हैं।

आज यही है हमको करना,

स्वछता पर अधिक ध्यान है देना।


मिलना मिलना हो जितना भी जरूरी।

हाथ मिलाने से बचना जरूरी।

बचपन की बात वो एक एक कर याद आयी,

खाँसने छींकने पर रुमाल थी जो हमने लगाई।


आज की जरूरत एक मास्क बन गयी है

चीनियों की देखो दिशा बदल गई है।

कोई कहता काली मिर्च,

कोई अदरक, तो कोइ लहसुन की डली है

मसालों की गर्मी हमें जच गई है।


घर मे कैद होकर रहना मुनासिब है,

भीड़भाड़ से बचना भी जरूरी है।

एयरपोर्ट बस अड्डे पर लगा दी पहरेदारी है,

ना सोना न चांदी ये तो तस्करी कोरोना की है।


बचाव हमें अब इससे करना है,

कोरोना ये बड़ी जान लेवा कोरोना है।

चीन की बदौलत ये हुई विश्वव्यापी है,

कोरिया, इटली, ईरान, नही अब तो ये भारत भी आई है।


बचाव हमें अब इससे करना है,

कोरोना ये बड़ी जान लेवा कोरोना है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy