STORYMIRROR

varsha sagdeo

Tragedy

2  

varsha sagdeo

Tragedy

कोरोना को हराना है

कोरोना को हराना है

1 min
137

ऐसे हावी है, कोरोना इंसान के मन में,

भूल गया कि, आ गया बसंत आंगन में।


 ना ही किसी को सुध बसंत के आने की,

 खड़ा आम्रवृक्ष नहीं कूकती कोयलिया।


हैं सारे रास्ते उदास, सूनी सूनी गलियाँ,

सूना आंगन, और सूनी सारी अटरीया।


कुंडली मार कर ऐसे बैठा है ये कोरोना,

बसंत के आने पर भी मन नहीं बौराया।


ये सही नहीं है, हमे सही सलामत रहना है,

और कोरोना को बहुत बुरी तरह हराना है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy