Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

varsha sagdeo

Tragedy

4.5  

varsha sagdeo

Tragedy

कोरोना अब तेरी हार सुनिश्चित ह

कोरोना अब तेरी हार सुनिश्चित ह

1 min
376


क्या है! कौन है तू!

तेरे अकेली औकात ही क्या!

तू एक अर्ध-जीवित कतरा!

अर्ध जीवित, अंश जीवन का।


मानवता के खंडहर में से,

मानवता के ही प्रमाद से,

मिला है जीवनदान तुझे ,

यूं न इतरा, ऐ परावलंबी!


माना आज मानव खुद खड़ा,

खुद की बर्बादी की कगार पर,

अपने ही अहंकार की आड़ में,

बंटा, धर्म औ' जाति की बाड़ में ,


तूने शुरू कर दी ये मनमानी !

सहस्त्रों की मृत्यु से तू ना इतरा !

अब तू है मेहमां कुछ दिनों,का

इन्सान जाग उठा,औ' तू गया।


सब हाथ धोकर पड़े हैं तेरे पीछे,

छूना ही बंद कर दिया है सबने,

नहीं मिलेगा एक भी जिस्म ज़िंदा,

कि तू पनपे, तेरी मौत है निश्चित।

 

कोरोना तुझे अब जाना होगा, 

हर एक इन्सान कटिबद्ध है,

तुझे हराने के लिये संकल्पित है,

कोरोना तेरी हार सुनिश्चित है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy