कोरोना का आपातकाल-01
कोरोना का आपातकाल-01


ज्यादा खतरा बांटता, और दे रहा मौत।
क्या छोटा क्या बड़ा, सब हो जाते फौत।।
आक्सीजन खप गई, रेमडिसिवियर की मार।
स्वास्थ्य अमला थक रहा, सुविधाएं दो यार।।
सरकारें भी व्यस्त थी, अपने अपने जोग।
स्थिति बेकाबू हुई, जनता रही है भोग।।
आस्थाओं के नाम पर, देखोगे बस भीड़।
चुनावी रैली के लिए, भीड़ खोजती नीड़।।
चंदा गोटी की तरह, घर में रहना मित्र।
बाहर यम है खोजते, स्थिति बड़ी विचित्र।।