Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vikash Kumar

Drama

3  

Vikash Kumar

Drama

कोरोना एक वक्त

कोरोना एक वक्त

1 min
496


वक्त"कोरोना एक वक्त"


चिंतन मनन करने के दिन आये,

सबके साथ आने के दिन आये।


दूरियों में बढ़ते गये दिलों के फासले ,

अब एक थाली में खाने के दिन आये।


सफ़र में रहता था हर एक शख्स यहाँ,

थम गया है वक्त अब ठहरने के दिन आये।


मुसीबतें सिखा जाती हैं जीने का हुनर,

वक्त बेवक्त अब सीखने के दिन आये।


बहुत थकन है चहरे पर दिखाई देती है,

ठहरो एक पल अब संवरने के दिन आये,


लौट आओ सफर से ए दुनिया वालो अब,

तूफ़ानी रात है नीड़ में लौटने के दिन आये।


बहुत दिनों से तन्हा पड़ा घर का बिस्तर,

आराम का वक्त है अब पसरने के दिन आये।


एक अरसे से मुंडेर पर चहचहाया नहीं कोई,

साथ हैं जो अब तो खिलखिलाने के दिन आये।


गरीबी में हँसते थे सब एक साथ 'कुमार',

वक्त की चाल है एकसाथ लड़ने के दिन आये।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama