STORYMIRROR

कोई आया

कोई आया

1 min
247


वर्षों

इंतजार के बाद

आहिस्ता से

अनायास

जिंदगी में

कोई ऐसे आया

जैसे

जाड़े में

सुबह की धूप नें

हौले से

मेरी खिड़की को

खड़खड़ाया

और कहा हो 

की अब उठो

आँखें खोलो

बाहर

देखो सुबह हो गई।


जैसे 

पहली बार 

अभी अभी

मेरे सामने 

गुलाब की कली ने

अलसा कर

अंगड़ाई ली हो

और

चट् से बिखर गई।


जैसे

कहीं दूर से 

कूकी हो कोयल। 

घुल गई हो मिठास

मेरे कानों में।


कोई 

ऐसे ही आया 

मेरे सूने जीवन में।

पहली बार 

जैसे 

किसी ने

कोई गीत

गुनगुनाया।


इस 

उमस भरी 

गर्मी में 

बदली बन

कर आई

और

बरस गई 

इस सूखे जीवन में।


      


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance